Tuesday 30 June 2015




गुरुवर  मेरे , मैं गुरु का ,

मेरी औकात कुछ भी नहीं .

जो  मेरे गुरु की औकात ,

वह मेरी औकात , कैसे कहूँ ?

बस वह मेरे हैं , मेरे लिए

इतना ही काफी है !



   The Guru is mine , I am my Guru's

I am nothing before Him .

What my Guru's worth is ,

Is my worth , how can I say ?

Enough , He is mine

For me that is enough  !